स्तन स्क्रीनिंग (मामोग्राफी) की आवृत्ति और लागत: आपको यह जानना जरूरी है

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स्तन स्क्रीनिंगस्तन कैंसर के शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं होते, इसलिए समय-समय पर स्तन स्क्रीनिंग (मामोग्राफी) कराना बेहद जरूरी है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो स्तन कैंसर का जल्दी पता लगाने में मदद करती है। अगर आप यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आपको कितनी बार मामोग्राफी करवानी चाहिए और इसकी लागत कितनी होती है, तो इस लेख को ध्यान से पढ़ें।

स्तन स्क्रीनिंग

स्तन स्क्रीनिंग का आदर्श समय और आवृत्ति

स्तन स्क्रीनिंग की आदर्श आवृत्ति और समय उम्र, पारिवारिक इतिहास और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर, महिलाएं 40 वर्ष की उम्र के बाद हर 1-2 वर्ष में मामोग्राफी करवानी चाहिए। यदि किसी महिला के परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, तो उसे 35 साल की उम्र से पहले भी यह जांच करवानी चाहिए।

डॉक्टर द्वारा निर्धारित आवृत्ति का पालन करना चाहिए, क्योंकि प्रत्येक महिला का स्वास्थ्य और स्थिति अलग होती है। हालाँकि, 50 वर्ष के बाद हर 2 वर्ष में मामोग्राफी कराना सामान्य रूप से पर्याप्त होता है। हालांकि, महिलाओं को अपनी स्थिति और डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्क्रीनिंग की आवृत्ति बढ़ाने या घटाने का निर्णय लेना चाहिए।

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स्तन स्क्रीनिंग की लागत

भारत में स्तन स्क्रीनिंग की लागत काफी भिन्न हो सकती है। यह विभिन्न स्थानों, अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में बदलती रहती है। आमतौर पर, मामोग्राफी का एक सत्र ₹1000 से ₹5000 के बीच हो सकता है। यह लागत क्षेत्र, अस्पताल की प्रतिष्ठा और स्क्रीनिंग की तकनीक पर निर्भर करती है। कुछ निजी अस्पतालों में यह परीक्षण महंगे हो सकते हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में यह अधिक सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सकते हैं।

कुछ स्वास्थ्य योजनाओं के तहत, मामोग्राफी के लिए छुट प्रदान की जाती है, जिससे इस परीक्षण की लागत कम हो सकती है। इसके अतिरिक्त, यदि आपके पास स्वास्थ्य बीमा है, तो यह बीमा योजना भी मामोग्राफी के खर्चों को कवर कर सकती है।

 

स्तन स्क्रीनिंग के लाभ और महत्वपूर्ण बातें

स्तन स्क्रीनिंग करने से आपको कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता चल सकता है, जिससे इलाज अधिक प्रभावी हो सकता है। अगर किसी महिला के स्तन में कोई असामान्य वृद्धि या बदलाव होता है, तो मामोग्राफी के माध्यम से जल्दी से जल्दी पहचान की जा सकती है।

मामोग्राफी के साथ-साथ, स्व-निरीक्षण और नियमित डॉक्टर की जांच भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि यदि कोई समस्या है, तो उसे जल्द से जल्द ठीक किया जाए।

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मर्जी और सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ उठाएं

भारत में सरकार द्वारा महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें स्तन कैंसर की जांच भी शामिल है। सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मामोग्राफी की लागत कम हो सकती है, और कुछ योजनाओं के तहत मुफ्त में यह सेवा भी दी जाती है।

सरकारी योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर सकते हैं या राज्य सरकार की वेबसाइट पर जाकर पता कर सकते हैं कि क्या आपकी स्थिति के अनुसार कोई योजना उपलब्ध है।

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स्तन स्क्रीनिंग से जुड़ी गलत धारणाएं

कुछ महिलाएं स्तन स्क्रीनिंग के लिए जाने से डरती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह प्रक्रिया दर्दनाक होती है या यह कैंसर का कारण बन सकती है। हालांकि, यह गलत है। मामोग्राफी में कम समय लगता है और यह दर्दनाक नहीं होती है, हालांकि कुछ महिलाएं इसे थोड़ी असहज महसूस कर सकती हैं।

यह ध्यान में रखते हुए, यह भी समझना जरूरी है कि स्तन कैंसर का परीक्षण और स्क्रीनिंग जीवन को बचाने के लिए एक आवश्यक कदम है। इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

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निष्कर्ष

स्तन कैंसर के लिए नियमित स्क्रीनिंग एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर आप 40 साल की उम्र के हैं, तो आपको कम से कम दो वर्षों में एक बार मामोग्राफी करानी चाहिए। यह प्रक्रिया बहुत ही असरदार है और समय पर कैंसर का पता लगाने में मदद करती है।

मामोग्राफी की लागत विभिन्न अस्पतालों और स्थानों में अलग-अलग हो सकती है, लेकिन सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और बीमा के माध्यम से इसे किफायती बनाया जा सकता है।

यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें और अपनी उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और पारिवारिक इतिहास के आधार पर आदर्श स्क्रीनिंग आवृत्ति का पालन करें।

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